*विश्व शांति अधिवेशन न्यूयार्क * – सभी राष्ट्रों को विश्व शांति का संदेश*

            दिनांक 07 मार्च 2018 को श्री स्वामी माधवानंद विश्व शांति परिषद् एवं दैनिक जीवन में योग संस्था और संयुक्त राष्ट्र संघ(UNO) की संस्था यू एन एस आर सी के संयुक्त तत्वाधान में विश्व शांति अधिवेशन का आयोजन  संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की राजधानी न्यूयार्क में आयोजित हुआ। अधिवेशन का विषय  “योग एवं विश्व शांति” रखा गया।
            श्री स्वामी माधवानंद विश्व शांति परिषद् और दैनिक जीवन में योग संस्था के प्रणेता विश्वगुरु महामंडलेश्वर परमहंस श्री श्री 1008 स्वामी महेश्वरानंदपुरी जी महाराज पिछले 46 वर्षों से विश्व में योग और शांति के लिए प्रयासरत है। विश्वगुरु जी ने इस हेतु उपर्युक्त दोनों संस्थाओं की स्थापना की। जो विश्व में मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य के साथ भाईचारा अहिंसा मानवता सहृदयता प्रेम शांति पर्यावरण प्रकृति रक्षार्थ हेतु कार्य कर रही है। विश्व गुरु जी विश्व में शांति हेतु 46 वर्षो से कार्य कर रहे है इस हेतु विश्वगुरुजी ने विश्व शांति के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ( UNO) के संयुक्त तत्वाधान में इस अधिवेशन का आयोजन किया गया।
       यह अधिवेशन   विश्वगुरु महामंडलेश्वर परमहंस स्वामी महेश्वरानंद पुरी जी महाराज की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। इस अधिवेशन में संयुक्त राष्ट्र संघ की अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कमेटी के अध्यक्ष डेनिस स्कॉट, संयुक्त राष्ट्र संघ की शैक्षणिक संघ के अध्यक्ष रामू दामोदरन, जॉर्जिया के प्रधानमंत्री खाहा इमानाडोज, विश्व स्वास्थ्य परिषद् (WHO) के मुख्य कार्यकारिणी अध्यक्ष डॉ नाता मैनाबादी, स्लोवेनिया के मंत्री ग्रेगा कोस, श्री स्वामी माधवानंद विश्व शांति परिषद् के मुख्य कार्यकारिणी अध्यक्ष डॉ इस्टर लुकास, हिन्दू मंदिर संस्था उत्तरी अमेरिका के अध्यक्ष उमा मैसरकर, ऐस्त्वर्मा विश्वविद्यालय हंगरी के प्रो डॉ पीटर फोमोडेसी, डॉ रेनेरसाइंस इंद्रा ग्रुप ऑफ इंस्टीटुयट के संस्थापक स्वपनिल कोठारी, पावर ऑफ़ वन योग के निदेशक जेना लॉग, अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा परिषद् न्यूयार्क के निदेशक डेविड क्रिशबूम, दैनिक जीवन में योग अमेरिका एवं संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिनिधि डायना विलि, विश्व शांति परिषद् के थॉमस जी. वाल्स, श्री स्वामी माधवानंद विश्व शांति परिषद् के सचिव डायनिस लुकास, आदि नेइस अधिवेशन में अपनी वार्ताओं के माध्यम से विश्व में योग एवं शांति की स्थापना की पहल की।

     इस अवसर पर विश्वगुरु जी ने महात्मा गांधी जी के विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि “आप विश्व में शांति चाहते है तो पहले आत्मिक शांति होनी चाहिए।”साथ ही विश्वगुरु जी ने श्री स्वामी माधवानंद जी के वचनों को आत्मसात करते हुए कहा कि “एक सबके लिए सबके लिए एक” के माध्यम से सन्देश दिया की यदि विश्व में  हम शांति चाहते है तो आत्मिक शांति प्राप्त होने से ही सम्पूर्ण विश्व में शांति का राज्य स्थापित हो सकता है।और उस से ही व्यक्ति को ऊर्जा प्राप्त होती है।मानव ऊर्जा प्राप्त करके मानवता का मार्ग प्रस्तुत कर सकता है। भारत देश की संस्कृति, संस्कार, विश्व शांति की परिकल्पना को पूर्ण करते है। वसुधेव कुटुम्बकम की परिभाषा भारत की ही देन है जो विश्व शांति के लिए हमेशा ही अग्रणीय रहा है।
    इस अधिवेशन का लॉगो बंदूक के मुंह को कपडे से गांठ देकर बांधा हुआ है । जिसका सन्देश बंदूक व तोफो की गोलियों को बंद करके हम विश्व में शांति स्थापित कर सकते है जिससे प्राणीमात्र को बचाया जा सकता है व्यक्ति अहिंसा का पालन करे।
      इस अधिवेशन में कई देशों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, राजनायक,राजदूत,व संयुक्त राष्ट्र संघ(UNO) के पदाधिकारी तथा श्री स्वामी माधवानंद विश्व शांति परिषद् और दैनिक जीवन में योग के सदस्य उपस्थित थे।

               
                         डॉ सुरेश गर्ग
                            प्राचार्य
   श्री परमहंस स्वामी माधवानंद महाविद्यालय जाडन पाली
       9001897300 9782394152

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